कांग्रेस सरकार के दौरान बनाये गए ‘पथ विक्रेता (जीविका सुरक्षा एवं पथ विक्रय विनियमन) अधिनियम, 2014’ (The Street Vendors (Protection of Livelihood and Regulation of Street Vending) Act, 2014) के अनुसार, सभी स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे होना आवश्यक है, उन्हें वेंडिंग का सर्टिफिकेट देना अनिवार्य है, निश्चित समय पर इस वेंडिंग सर्टिफिकेट का रिनिवल होना जरूरी है, टाउन वेंडिंग कमिटी के किसी भी निर्णय के खिलाफ वे लोकल अथॉरिटी के पास अपील में जा सकते हैं, रिलोकेशन की स्थिति में नई जगह पाना उनका अधिकार होगा, रिलोकेशन की स्थिति में कम से कम 30 दिन का नोटिस मिलना इनका अधिकार होगा। स्ट्रीट वेंडर्स आराम से अपना सामान बेच पाए, इनको आइडेंटिटी कार्ड दिया जाये, अगर किसी नियम के उलंघन के कारण वेंडर्स का सामान जब्त किया जाता है तो उन्हें अपने सामान को वापसी पाने का पूरा अधिकार होगा, स्ट्रीट वेंडर्स की समस्याओं के समाधान के लिए कमिटियों का निर्माण करना अनिवार्य होगा, यह कानून यह भी कहता है कि पूर्व में बने किसी भी कानून के बावजूद किसी भी लाइसेंस होल्डर स्ट्रीट वेंडर्स को पुलिस या अन्य कोई भी विभाग तंग नहीं करेंगे, सरकार स्ट्रीट वेंडर्स के उत्थान के लिए रिसर्च, ट्रेनिंग, जागरूकता, संबंधी कार्य भी करेगी।