असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) की स्थापना 2017 में तत्कालीन कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्री राहुल गांधी ने किया और श्री अरविंद सिंह को इस विभाग का चेयरमैन बनाया गया। उस समय इसका नाम अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस था। अपने प्रारंभिक चार सालों में यह विभाग असंगठित कामगारों के हितों के लिए प्रयासरत रहा। 14 नवंबर, 2021को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा इसका नाम बदलकर असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (पेशेवर शामिल नहीं) करते हुए मुझे चेयरमैन का दायित्व मिला। तभी से यह विभाग पूरी तरह से सक्रिय हुआ और पूरे देश में इस विभाग को पहचान मिली।आम बोल-चाल में अब इसे ‘कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) के नाम से जाना जाता है।

असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) उस वर्ग के उत्थान के लिए कार्यरत है जो हमारे देश के कुल कामगारों एवं कर्मचारियों का लगभग 93 प्रतिशत हैं। आकड़ों के अनुसार देश में इनकी आबादी लगभग 45 करोड़ मानी जाती है। इन लोगों के उत्थान के लिए न तो कोई ठोस आर्थिक या सामाजिक योजना है और न ही ये इतने जागरूक हैं कि किसी भी तरह के रोजगार संबंधी विवाद में न्याय पाने के लिए किसी कोर्ट में जा सकें। कानूनी तौर पर भी इस वर्ग के लिए जो कुछ प्रावधान किए गए हैं, वे भी पर्याप्त नहीं हैं। अभी तक इस वर्ग के लिए जो कुछ प्रावधान किए गए, वे कांग्रेस की सरकारों द्वारा ही किए गए। कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) पूरी प्रतिबद्धता से इस वर्ग के उत्थान के लिए संकल्पित है और पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक को उसका वाजिब हक दिलाने के लिए लगातार संघर्षरत है। देश के हर असंगठित कामगार एवं कर्मचारी को हम पूरा न्याय दिला सकें यही हमारा ध्येय है।